कटनीमध्यप्रदेश

बहोरीबंद की ग्राम पंचायत राखी सरपंच पति पर भ्रष्टाचार के आरोप : सरपंच के पति पर अपने करीबी रिश्ते दारो के नाम से पंचायत मे  फर्जी बिल लगा कर सरकारी पैसे का घोटाला करने के गंभीर आरोप लगे*

बहोरीबंद की ग्राम पंचायत राखी सरपंच पति पर भ्रष्टाचार के आरोप : सरपंच के पति पर अपने करीबी रिश्ते दारो के नाम से पंचायत मे  फर्जी बिल लगा कर सरकारी पैसे का घोटाला करने के गंभीर आरोप लगे*

*लोकेसन बहोरीबंद

 

*कटनी* , मध्य प्रदेश – बहोरीबंद तहसील की ग्राम पंचायत राखी में एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। ग्राम की निर्वाचित सरपंच के पति पर गंभीर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लाखों रुपये का घोटाला किया है।

 

बिना GST बिलों के ज़रिए रिस्तेदार को लाभ?

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सरपंच पति ने अपनी पत्नी के पद का उपयोग करते हुए, बिना GST वाले बिल तैयार करवाकर, लाखों रुपये अपने करीबी रिश्तेदार रविशंकर नायक के बैंक खाते में ट्रांसफर करवा दिए। यह लेन-देन पंचायत के पोर्टल “पंचायत दर्पण” पर अपलोड तो किया गया, लेकिन जानबूझकर बिलों को धुंधला कर दिया गया ताकि ग्रामीणजन सच्चाई न जान सकें।

गांव का विकास या रिश्तेदारों का विकास?

जहां पंचायत निधि का उपयोग ग्रामीण विकास कार्यों के लिए किया जाना चाहिए, वहीं इस मामले में सरपंच पति पर आरोप है कि उन्होंने पंचायत की योजनाओं और फंड का गलत लाभ उठाकर निजी स्वार्थ साधे हैं। गाँव की जनता को विकास का झांसा देकर, वास्तविक लाभ अपने परिवार को दिया जा रहा है।

जनता की मांग – हो कड़ी कानूनी कार्रवाई

इस पूरे प्रकरण से आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन को तत्काल प्रभाव से जांच कर, दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।

ग्रामीणों ने यह भी कहा कि यह केवल एक व्यक्ति विशेष का मामला नहीं है, बल्कि पूरे पंचायत तंत्र की गरिमा और जनता के विश्वास का विषय है।

सरपंच पति राज का अंत कब?

यह मामला केवल ग्राम पंचायत राखी तक सीमित नहीं है। मध्यप्रदेश में कई स्थानों से ऐसे मामलों की खबरें आती रही हैं, जहां “सरपंच पति” नामक अनौपचारिक सत्ता काम करती है। यह एक गंभीर प्रश्न है कि क्या चुनी हुई महिला प्रतिनिधियों के नाम पर उनके पतियों द्वारा भ्रष्टाचार को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है?

सरपंच पति द्वारा की गई इस कथित गड़बड़ी ने एक बार फिर पंचायत स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत को उजागर किया है। यदि समय रहते इस प्रकार के मामलों पर सख्ती से कार्रवाई नहीं की गई, तो ग्रामीण शासन व्यवस्था पर से जनता का भरोसा उठ सकता है।

 

जिला प्रशासन से अनुरोध है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को दंडित किया जाए, ताकि लोकतंत्र की जड़ें गांवों में और मजबूत हों।

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